“विद्या बिना मति गई ,
मति बिना नीति गई।
नीति बिना गति गई ,
गति बिना वित्त गया।
वित्त बिना शूद्र हुआ,
बिना विद्या के इतने अनर्थ।”
शिक्षा के अभाव से ही शुद्र बुद्धिहीन, उद्देश्यहीन और सम्पत्ति विहीन रहे इसलिए शुद्र सदा शुद्र रहे।
जब वे शिक्षा की महत्ता को समझेंगे, अवश्य ही क्रांति होगी।
ज्योतिबा फुलेजी की पुण्यतिथि पर उनको शत शत नमन एवं श्रद्धा सुमन अर्पित।????